ऐसा लगता है मुझे तू रातभर सोयी नहीं
खा कसम मेरी कि तू रातभर रोयी नहीं
बन गयी है जुल्फें तेरी उजड़ी-उजड़ी सी बहार
आंधियों में घिर के भी तू चमन से गई नहीं
ये तेरा उदास चेहरा, ये तेरी गमगीन आंखें
आने से पहले जरा तू आईने में झांकी नहीं
हूं मैं हैरां देखकर कि क्या ये तेरा हाल है
इश्क में मुझपे कभी ऐसी कयामत आती नहीं
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